न मिला आवास न बना पक्का मकान रहने को सिर्फ खुला आसमान।
प्रधानमंत्री आवास योजना की जमकर धज्जियां उड़ा रहे प्रधान व सचिव।।
सौरिख कन्नौज
प्रधान मंत्री व मुख्य मंत्री ने लोगों कच्चे मकान की जगह पक्के मकान मुहैया कराने के लिए शहरी आवास योजना व ग्रामीण आवास योजना चला रखी है।लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी लोग कच्चे मकान या पन्नी डालकर रहने को मजबूर है।
ऐसा ही मामला सौरिख विकास खण्ड की ग्राम पंचायत खड़नी के मजरा सरैया का सामने आया है।जहा महिला अपने अपने परिवार के साथ पॉलिथीन डालकर रहने को मजबूर हैं।रहने वाले परिवार के पास न ही कोई पक्का मकान है। न ही किसी भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिला जिसके चलते सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याण कारी योजनाओं का लाभ मिला जिसके चलते सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं हवा हवाई साबित हो रही हैं।वही इस सबसे अधिकारी अंजान बना हुआ है।
शासन प्रशासन द्वारा दिया गया आश्वाशन निकला खोखा।
गांव निवासी महेश रावत पत्नी माया देवी की 3 वर्ष पूर्व कच्ची दीवाल गिर जाने से माया देवी की मौत हो गई थी।हादसे के तुरंत बाद अधिकारियों ने घटना स्थल पर पहुंच कर आवास दिलाने का आश्वासन दिया था।जिसकी जांच होने के बावजूद आज तक आवास नही मिला जिसके चलते परिवार खुले आसमान की छत में सर्दी ,गर्मी व बरसात बितारहा है।परिवार ने बताया कि जब चुनाव आते है।तो प्रत्याशी आते है।और फिर नया आश्वाशन देते है।चुनाव जीतने के बाद हम लोगों की तरफ मुड़ कर। भी नहीं देखते हैं।हमारा परिवार इसी आस में खुले आसमान में जीवन व्यतीत कर रहा कब हमे पक्का मकान रहने को मिलेगा।
