राष्ट्रीय लोक अदालत में 63,983 वादों का निस्तारण, वादकारियों के खिले चेहरे

• ₹16.27 करोड़ की धनराशि आदेशित, त्वरित न्याय से बढ़ा विश्वास

कन्नौज। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में शनिवार को नवीन न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। कार्यक्रम में प्रभारी जनपद न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष हरि प्रसाद, एमएसीटी की पीठासीन अधिकारी इंदु द्विवेदी, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय फूल चन्द्र पटेल, स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष अशोक कुमार प्रेमी तथा सिविल जज (सीडी)/प्रभारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ज्योत्सना यादव प्रमुख रूप से उपस्थित रहीं। राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन मुख्य न्यायालय परिसर के साथ बाह्य न्यायालय छिबरामऊ, ग्राम न्यायालय तिर्वा एवं जनपद के विभिन्न प्रशासनिक कार्यालयों में भी किया गया। इस अवसर पर न्यायिक अधिकारियों के साथ बैंक व बीमा कंपनियों के अधिकारी, वरिष्ठ अधिवक्ता, लीगल एड डिफेन्स काउंसिल, पैनल अधिवक्ता, पराविधिक स्वयंसेवक एवं न्यायालय कर्मचारी उपस्थित रहे। आँकड़ों के अनुसार एमएसीटी न्यायालय में 125 वादों में से 26, परिवार न्यायालय में 102 में से 49 तथा स्थायी लोक अदालत में 20 में से आठ वाद निस्तारित किए गए, जिसमें ₹28.34 लाख की धनराशि आदेशित हुई। सत्र न्यायालय स्तर पर 385 में से 347 तथा मजिस्ट्रेट एवं सिविल न्यायालय स्तर पर 3,834 वादों में से 1,275 वादों का निस्तारण किया गया। जनपद न्यायालय में कुल 4,469 वादों में से 1,622 वाद निस्तारित कर ₹2.54 करोड़ से अधिक की धनराशि अर्थदंड के रूप में वसूल की गई। प्रशासनिक स्तर पर 90,281 वादों में से 62,361 वादों का निस्तारण कर ₹13.82 करोड़ की धनराशि आदेशित की गई। इस प्रकार राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 94,750 वादों में से 63,983 वादों का सुलह- समझौते के आधार पर निस्तारण करते हुए कुल ₹16.27 करोड़ की धनराशि आदेशित की गई। प्रभारी सचिव ज्योत्सना यादव ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से वादकारियों को त्वरित, सुलभ एवं किफायती न्याय मिला है, जिससे आमजन का न्याय व्यवस्था पर विश्वास और अधिक सुदृढ़ हुआ है।

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