एंबुलेंस को रास्ता न देने पर होगा 10 हजार का चालान

• मेडिकल कॉलेज तिर्वा में टीआई–टीएसआई ने ईएमटी को दिया गोल्डन आवर का प्रशिक्षण

कन्नौज। यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने और सड़क हादसों में घायल लोगों को समय पर मदद दिलाने के लिए यातायात विभाग ने विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। मेडिकल कॉलेज तिर्वा में आयोजित इस प्रशिक्षण में चार जनपदों से आए इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) और एंबुलेंस पायलटों को गोल्डन आवर के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यक्रम का नेतृत्व क्षेत्राधिकारी यातायात डॉ. प्रियंका वाजपेई ने किया। उनके साथ प्रभारी यातायात रवि शंकर त्रिपाठी और टीएसआई आफाक खान मौजूद रहे। प्रशिक्षण में एंबुलेंस के नोडल अधिकारी डॉ. माधव शरण और डॉ. विकास पटेल ने भी सहयोग किया। टीएसआई आफाक खान ने ईएमटी को बताया कि दुर्घटना के बाद किसी नेक व्यक्ति (राहवीर) द्वारा एंबुलेंस बुलाए जाने पर उससे यह न कहा जाए कि आपको घायल के साथ चलना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ड्यूटी समाप्त होने के बाद एंबुलेंस पायलट अनावश्यक रूप से हूटर या सायरन का प्रयोग न करें। साथ ही सड़क हादसों के दौरान अपनाई जाने वाली कई जरूरी सावधानियों की भी जानकारी दी।प्रभारी यातायात रवि शंकर त्रिपाठी ने कहा कि यदि किसी वाहन चालक द्वारा एंबुलेंस को रास्ता नहीं दिया जाता है, तो उसका वीडियो या फोटो यातायात पुलिस को भेजें। ऐसे मामलों में 10 हजार रुपये का चालान किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि ईएमटी और पायलट लोगों को यातायात नियमों के उल्लंघन से होने वाली गंभीर चोटों के बारे में जागरूक करें और ड्यूटी के दौरान मिले अनुभवों को उदाहरण के रूप में साझा करें। प्रशिक्षण कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज के कई डॉक्टर और यातायात पुलिसकर्मी मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने भी अपने अनुभव साझा किए और गोल्डन आवर में त्वरित कार्रवाई के महत्व को समझा।

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