इमाम हुसैन की याद में निकला चेहल्लुम का जुलूस

इमाम हुसैन की याद में निकला चेहल्लुम का जुलूस

पब्लिक न्यूज़ अड्डा सुमित मिश्रा के साथ मुशर्रफ अली

सौरिख कन्नौज। मोहर्रम कमेटी अध्यक्ष अली अब्बास ने बताया कि इमाम हुसैन ब उनके इकहत्तर साथियों को आज से लगभग चौदह सौ साल पहले एक आतंकवादी यजीद ने मोहर्रम की दस तारीख को शहीद करवा दिया था मगर इमाम हुसैन की लाश चालीस दिन तक बेगोरो कफ़न पढ़ी रही जब चालीस दिन के बाद इमाम हुसैन को दफनाया गया उन्हीं की याद में चेहल्लुम मनाया जाता है इमाम हुसैन को हो सके तो करीब से देखिएगा उनके इतिहास में 6 महीने के बच्चे से लेकर 80 साल के बूढ़े तक की शहादत हुई है सच के लिए इमाम हुसैन की कुर्बानी इतिहास में भरी पड़ी है अपने खुद के दिल पर अपना काबू पाकर देखो कि कैसे 72 लोग लाखों के लश्कर पर भारी पढ़ गए ।इमाम हुसैन का आंदोलन सत्य के लिए असत्य के विरुद्ध एक आंदोलन था कर्बला का जुल्म हमे हमेशा याद दिलाएगा कि जुल्म करने वाला चाहे जितना बड़ा आतंकवादी क्यों न हो एक दिन उसका मिटना तय है ।जुलूस से पहले सुबह कबीरपुर में मजलिसे हुईं जिसको आली जनाब मौलाना मज़हर इमाम व आली जनाब मौलाना नेमत अली दिल्ली ने खिताब किया उसके बाद राजापुर व कबीरपुर का जुलूस कर्बला में पहुंचा और वहां पर ताज़िए सुपुर्द खाक किए गए।दोपहर मोहल्ला ऊंचा अल मेहदी इमामबाड़े पर मजलिस का आयोजन किया गया जिसको आली जनाब मौलाना मज़हर इमाम लखनऊ ने खिताब फरमाया उसके बाद इमामबाड़ा इब्ने हसन पर नौजवानों और बच्चों ने नौहा ख्वानी और मातम किया वहां से अलम ताजिया जुलूस सदर बाज़ार, पाल तिराहा ,आंबेडकर तिराहा ,CSB रोड रास्ते में रुक रुक कर नौहा ख्वानी और मातम करते हुए कर्बला पहुंचा और ताज़िए सुपुर्दे ख़ाक किए गए इस मौके पर मोहर्रम कमेटी अध्यक्ष अली अब्बास,तौसीफ यूसुफ,अली अख्तर, तहज़ीबुल हसन, ग़ुलाम अब्बास,हुसैन हैदर ,शमसुल हसन,अली अख्तर,मुशर्रफअली, नाज़िम हुसैन,शीलू नकवी,हैदर अब्बास,शब्बर अली , आदि गणमान्य लोग मौजूद रहे तथा पुलिस प्रशासन की चाक चौबंद व्यवस्था रही ।

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