भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का प्रसंग कथा सुन गदगद हुए भक्त
कन्नौज। इन दिनों शहर के मां फूलमती मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की महिमा का गुणगान हो रहा है। प्रभु की महिमा को सुनने के लिए दूर- दूर से संतों की टोलियां भी अपना डेरा जमाएं हंै। जिस कारण वातावरण भक्तिरस में डूबा हुआ है। साथ ही हर दिन अलग-अलग धार्मिक आयोजन भी किए जा रहे है। जिसमें भक्तों की खासी भीड़ उमड़ी रही है। सिद्धपीठ मां फूलमती देवी मंदिर में चल रहे शतचण्डी महायज्ञ व श्रीमद् भागवत कथा के साथ धार्मिक आयोजन की धूम है। संतों टोली डेरा जमाए माता रानी का गुणगान कर रहीं हैं। मंदिर परिसर की सजावट भी भक्तों के लिए आर्कषण का केन्द्र बनी हुई है। मंगलवार को कथा के छटवें दिन मध्य प्रदेश के आत्मानंद गिरी महाराज भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं के साथ भक्ति करने के उपाय पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कहा कि प्रभु की महिमा अपरंपार है। भक्तों को दिल खोलकर भगवान गुणगान करना चाहिए। भगवान से किसी को प्रेम नहीं अनुराग करना चाहिए। दीपक का प्रकाश दूध से नहीं घी से होता है। सभी की तीन आंखे होती हैें, लोग दो ही मानते हैं। तीसरी आंख ज्ञान की होती है। भगवान की बाल लीला का वर्णन करते हुए कहा कि कान्हा बचपन में नटखट थे, गोपियों के घर जाकर माखन चोरी कर अपनी मंडली के साथ खाते थे। संगीयमय कथा के स्वामी जी की मधुर वाणी ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। आस्था से लबरेज श्रद्धालुओं ने जयकारे लगाए और कथा का रसपान करते रहे। कथा समापन के बाद मंगलवार शाम पंडाल में संगीतमय सुंदरकांड का भी पाठ का हुआ। सिद्धपीठ मां फूलमती देवी मंदिर में चल रहे विशाल धार्मिक आयोजन को लेकर शहर में मेला जैसा माहौल है। श्रद्धालुओं का दिनभर तांता लगा रहता है। कुछ श्रोता पंडाल तक जाने का झंझट छोड़ मंदिर परिसर के आसपास बैठकर महाराज जी के मुखारबिन्दु से कुछ प्रसंग सुनकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। आचार्य श्री की सरस वाणी को लेकर श्रद्धालुओं में चर्चा है। इससे पंडाल में भीड़ बढ़ रही है। मंदिर के पुजारी शिखर मिश्रा ने बताया कि बुधवार को कथा पंडाल के साथ संत सम्मेलन का भी आयोजन होगा।
