साहित्य का विश्व रंग’’ पत्रिका का विमोचन

जयपुर -राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर के राजस्थान अध्ययन केंद्र के स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में, ’’संवाद कार्यक्रम’’ आयोजित किया गया। यह आयोजन मुख्य वक्ता डॉ रामा तक्षक नीदरलैंड्स निवासी के वक्तव्य से सम्पन्न हुआ। श्री तक्षक राजस्थान साहित्य अकादमी से पुरस्कृत लेखक होने के साथ साथ, सुप्रसिद्ध कवि,, चिंतक व नीदरलैंड्स से प्रकाशित ’’साहित्य का विश्वरंग’’ पत्रिका के सम्पादक हैं। उन्होंने अपने वक्तव्य में अपनी जीवन यात्रा के अकादमिक व साहित्य की यात्रा के पड़ाव की घटनाओं को विद्यार्थियों व शिक्षकों के साथ साझा किया। श्री तक्षक जी के द्वारा दिया गया उद्बोधन विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्पद रहा। उन्होंने अपनी ’’हे महिला तुम हो सबला’’ और ’’राजदूत हूं भारत का’’ कविताएं सुनाईं। उसके बाद उन्होंने विद्यार्थियों के प्रश्नों का उत्तर भी दिया। राजस्थान अध्ययन केंद्र की निदेशक डॉ दीपिका विजयवर्गीय ने स्वागत उद्बोधन के साथ, राजस्थान अध्ययन केंद्र की विकास यात्रा के बारे में भी सबको अवगत कराया। इस अवसर पर ’’साहित्य का विश्व रंग’’ पत्रिका का विमोचन किया गया। साथ ही डॉक्टर दीपिका विजवर्गीय कृत ’’चैैतन्य महाप्रभु और गोड़िय संप्रदाय’’, डॉ अर्चना तिवारी कृत ’’ऐतिहासिक किल रणथम्भौर’’ और ज्योत्सना जोशी कृत ’’राजस्थानी भाषा में श्रीमद् भागवत कथा’’ पुस्तकें डॉ रामा तक्षक को भेंट की गई। ’’संवाद कार्यक्रम’’ के अंत में, डॉ अर्चना तिवारी ने सभी का आभार व्यक्त किया।इस ’’संवाद कार्यक्रम’’ में हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एन.के. पांडे, साथ ही विभिन्न विभागों के आचार्य तथा सहायक आचार्य और मधुकांत मोदी जी भी उपस्थित रहे। इस आयोजन का सफल संचालन, अध्ययन केंद्र की शोध छात्रा निकिता शेखावत द्वारा किया गया।रामस्वरूप रावतसरे