हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ महाराजा जयचंद स्मृति समारोह
कन्नौज। कान्यकुब्ज शिक्षा एवं समाज सेवा समिति के सौजन्य से आयोजित होने वाले महाराजा जयचंद स्मृति समारोह में मंच पर मुख्य वक्ता प्रोफेसर ओमपाल सिंह निडर के अतिरिक्त कार्यक्रम अध्यक्ष प्रोफेसर सुशील राकेश शर्मा, पूर्व प्राचार्य डॉ रामेंद्र बाबू चतुर्वेदी, प्रोफेसर लाल चंद्र शर्मा, श्री अजीत राय, अनिल द्विवेदी तपन, डॉ कृष्ण कांत दुबे, डॉ अमरनाथ दुबे, राकेश यादव आदि वक्ता के रुप में सभी ने मंच पर रहकर अपना वक्तव्य दिया सर्वप्रथम आयोजन समिति के सदस्यों द्वारा बारी बारी से मंचाशीन विद्वानों का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। उसके बाद मंचासीन सभी वक्ताओं ने अपने अपने ढंग से एतिहासिक एवं साहित्यिक साक्ष्यों के आधार पर महराजा जय चंद को वीर एवं प्रतापी राजा के रूप में साबित किया। इसके बाद आज के कार्यक्रम में मुख्य वक्ता प्रोफेसर ओमपाल सिंह निडर ने प्राचीन भारतीय इतिहास के आधार पर तमाम ऐतिहासिक साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए यह स्वीकार किया कि महाराज जयचंद को गद्दार साबित करने वाले कोई लिखित और प्रमाणित साक्ष्य नहीं है। केबल कुछ तथा कथित लोगों द्वारा जानबूझकर कर जनमानस में एक गलत और तथ्य हीन भ्रम फैला कर हमारे राजा को कलंकित करने का काम किया जो सर्वथा अस्वीकार्य है। मुख्य वक्ता के बाद आल्हा गायक संग्राम सिंह द्वारा आल्हा गाकर की गौरवशाली एतिहासिक परम्परा का बखान किया। कार्यक्रम की अगली कड़ी में विभिन्न स्कूलों के नन्हे मुन्ने बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर मन मोह लिया। कार्यक्रम के अंत में कान्यकुब्ज शिक्षा एवम समाज सेवा समिति अध्यक्ष एवं मुख्य आयोजक नवाब सिंह यादव ने कहा कि हमारा उद्देश्य केवल वर्ष में एक दिन कार्यक्रम करने से नही हो जाता वल्कि हर समय हमारी जिम्मेदारी है कि अपने राजा की गरिमा प्रदान करने के लिए तन मन धन से तैयार रहना चाहिए। जब तक हम अपने राजा पर लगे झूठे दाग को हमारे स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा। इस मौके पर समिति के अध्यक्ष नवाब सिंह यादव, अनुराग मिश्र, कार्यक्रम संयोजक दिनेश दुबे, उमेश चन्द्र द्विवेदी, सुशील भारद्वाज, संजय दुबे, वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश चंद्र शर्मा, नीलू यादव सहित आदि रहे। कार्यक्रम में प्रोफेसर सुशील राकेश शर्मा द्वारा रचित एवम जहीर ललित पुरी द्वारा अंग्रेजी में अनुवादित ऐतिहासिक पुस्तक सम्राट जयचंद का लोकार्पण किया।