पति के श्राप में में भी अंतर्निहित होता है वरदान
संतोष तिवारी
गुगरापुर कन्नौज। नौ दिवसीय श्री राम कथा के सातवें दिन सोमवार को क्षेत्र के गांव सराय बारामऊ में कथा सुनाते हुए गोविंदाचार्य महाराज ने गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या की कथा सुनाते हुए कहा कि पति द्वारा दिए गए श्राप में भी वरदान छिपा होता है। क्योंकि श्राप के कारण ही तो अहिल्या को प्रभु श्री राम के दर्शन सुलभ हो सके। बाबा आस्तिक महाराज सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित हो रही नौ दिवसीय श्री राम कथा के सातवें दिन कथा आचार्य गोविंदाचार्य ने सोमवार को जनक पुर में गुरु विश्वामित्र के साथ श्री राम लक्ष्मण के पदार्पण करने के दौरान मार्ग में शिला रूप में पड़ी स्त्री को देख श्री राम ने गुरु से उसके विषय में जानना चाहा।गुरु विश्वामित्र ने इंद्र द्वारा छल से गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या के सतीत्व भंग करने की कथा सुनाते हुए अहिल्या को पति द्वारा दिए गए श्राप के विषय में बताया।श्री राम जी द्वारा गुरुजी की आज्ञानुसार पैर छुआते ही शिला बनी अहिल्या स्त्री रूप में बदल गई और अपने पति द्वारा दिए गए श्राप को अपने लिए वरदान मानते हुए कहा कि इसी श्राप के कारण उसे सहजता से प्रभु के दर्शन हुए।कथा के दौरान सुरेश चंद्र मिश्र,आशुतोष मिश्र,मोनू तिवारी,अखिलेश दुबे,राम किशोर तिवारी ,बलराम मिश्रा सहित पांडाल श्रोताओं से भरा रहा।