खाद की कालाबाजारी करने बालों पर की जाएंगी कार्यवाई

कन्नौज। जिला कृषि अधिकारी आवेश कुमार सिंह ने बताया कि रबी सीजन में आलू, सरसों एवं गेंहूॅ आदि फसल की बुबाई का समय चल रहा है। जिसमें किसानों को फसलों में आवश्यक विभिन्न पोषक तत्वों यथा नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटास आदि की पूर्ति के लिए उर्वरक की आवश्यकता पडेगी। खेती/ फसल में पोषक तत्वों की संस्तुत मात्रा का उपयोग किया जाना आवश्यक है।
वर्तमान में प्राइवेट/ निजी दुकानो पर डीएपी लगभग 2476.00 मी.टन एवं एनपीके लगभग 8350.22 मी.टन उर्वरक उपलब्ध है। जनपद में उर्वरकों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता है। कृषकों को डीएपी 1350.00 रू प्रति बोरी, एनपीके 12ः32ः16 1470.00 रू प्रति बोरी एवं अन्य ग्रेड/ उत्पाद का बोरी पर लिखा मूल्य ही कृषको कोे बिक्री दर होगा। वितरण में अनियमितता करने अथवा जमाखोरी/ कालाबाजारी करने वाले विक्रेताओं के विरूद्ध उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी।
अत: किसानों को रबी सीजन की आलू फसल में नाइट्रोजन 180 किग्रा/हे (लगभग 08 बोरी यूरिया), फास्फोरस 80 किग्रा/हें0 (लगभग 04 बोरी डीएपी या 07 बोरी एनपीके), पोटास 100 किग्रा/हे (03 से 04 बोरी एमओपी), जिंक सल्फेट 25 किग्रा/हे0 एवं फेरस सल्फेट 60 किग्रा/हे0 उर्वरकों की संस्तुत/संतुलित मात्रा उपयोग करनी चाहिए। जिससे आलू की फसल का अधिकतम उत्पादन प्राप्त किया जा सके। समस्त कृषक उपरोक्त उर्वरकों के साथ-साथ सुपर (एसएसपी) का संतुलित मात्रा में प्रयोग करें। जिससे अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सके तथा मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बनी रहे।

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