विश्व पर्यावरण दिवस आज, आओ मिलकर करें वृक्षारोपण
वृक्षों की देखभाल करना हमारा कर्तव्य
कन्नौज। पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से प्रति वर्ष देश में 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस दिवस पर अलग अलग तरीके से पर्यावरण के प्रति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस दिवस पर ज़्यादातर लोग पौधरोपण तो करते है। लेकिन पौधरोपण कर भूल जाते है। एक दिन के पौधरोपण से हमें कोई फायदे नही मिलते है। हमें प्रतिदिन इसकी देख भाल करनी होगी। स्वस्थ जीवन के लिए प्रकृति की सुरक्षा और पर्यावरण का संरक्षण जरूरी है।
जनजीवन की सुरक्षा के लिए पर्यावरण को सुरक्षित और संरक्षित रखने की जरूरत है। आधुनिकता की ओर बढ़ रहे विश्व में विकास की राह में कई ऐसी चीजों का उपयोग शुरू कर दिया है। जो धरती और पर्यावरण के लिए घातक है। इंसान और पर्यावरण के बीच गहरा संबंध है। प्रकृति के बिना जीवन संभव नहीं है। लेकिन इसी प्रकृति को इंसान नुकसान पहुंचा रहा है। लगातार पर्यावरण दूषित हो रहा है। जो जनजीवन को प्रभावित करने के साथ ही प्राकृतिक आपदाओं की भी वजह बन रहा है।
सुखी व स्वस्थ जीवन के लिए प्रकृति की सुरक्षा और पर्यावरण का संरक्षण जरूरी है। इसी उद्देश्य से प्रतिवर्ष विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। पर्यावरण को लेकर लोगों को जागरूक किया जाता है। और पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। विश्व पर्यावरण दिवस के लिए प्रतिवर्ष एक खास थीम होती है। इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस 2024 की थीम “Land Restoration, Desertification And Drought Resilience” है। इस थीम का फोकस ‘हमारी भूमि’ नारे के तहत भूमि बहाली, मरुस्थलीकरण और सूखे पर केंद्रित है।
*पर्यावरण दिवस मनाने का उद्देश्य*
दुनिया में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है। इसी बढ़ते प्रदूषण के कारण प्रकृति पर खतरा बढ़ रहा है। जिसे रोकने के उद्देश्य से पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत हुई। ताकि लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाए और प्रकृति को प्रदूषित होने से बचाने के लिए प्रेरित किया जा सके।
*वृक्षारोपण के लाभ*
वृक्षारोपण के बुनियादी लाभों में से एक यह है कि वे जीवन देने वाली ऑक्सीजन प्रदान करते हैं और जानवरों द्वारा छोड़ी गई कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं। हालांकि पेड़ न सिर्फ हमें ऑक्सीजन देते हैं बल्कि फल, लकड़ी आदि बहुत कुछ प्रदान करते हैं। पेड़ पशुओं और पक्षियों के लिए आश्रय का भी काम करते हैं।